बृहस्पतिवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
२.बृहस्पतिवार के दिन बाल नहीं धोना चाहिए ।
३.नाखून नहीं काटना चाहिए ।
४. बाल नहीं कटवाना चाहिए ।
५.किसी से लड़ाई झगड़ा क्लेश नहीं करना चाहिए।
बृहस्पतिवार का हिंदू धर्म में क्या महत्व है ?
बृहस्पतिवार को हिंदू धर्म में विष्णु भगवान का दिन कहा जाता है और इस दिन गृहिणी और लड़कियां भगवान विष्णु के नाम पर व्रत उपवास करती हैं विष्णु भगवान का व्रत करने से मनचाहा फ
ल मिलता है
बृहस्पतिवार के दिन सुहागन स्त्री को क्या नहीं करना चाहिये ?
बृहस्पतिवार के दिन सुहागन महिला को मांग में सिंदूर नहीं चाहिए। और तेल भी नहीं लगना चहिए।
बृहस्पतिवार व्रत कैसे करते हैं।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके पूजा पाठ करते हैं। विष्णु भगवान जी को चने के दाल और गुड़ का भोग लगाते है। भगवान विष्णु जी को जल अर्पित करते हैं।
फिर भगवान विष्णु जी का कथा पढ़ते हैं और लोगो को सुनाते हैं।
कितना बृहस्पतिवार उपवास करना शुभ होता है।
बृहस्पतिवार व्रत कितना करना शुभ होता है।
बृहस्पतिवार 16 करना शुभ होता है और 17 बृहस्पतिवार को उद्यापन करते हैं ।
बृहस्पतिवार उद्यापन की विधि क्या है?
सवा किलो चने की दाल, सवा किलो गुड़, सवा मीटर पीला कपड़ा, दो दर्जन कले , मुनक्का , हल्दी, चंदन, सवा किलो पीले लड्डू का प्रशाद एकत्रित करते हैं। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके पूजा पाठ करते हैं। विष्णु भगवान जी केले के पेड़ में वाश करते हैं।
इसीलिए केले की पूजा की जाती है। विष्णुजी के सबसे पहले हल्दीचंदन टीका लगाते हैं।उसके बाद गुड़ और चने की दाल , उसके बाद से केले और मुनक्का को केले की जड़ में चढ़ाया जाता है। और पीला कपड़ा वृक्ष के ऊपर अर्पित किया जाता है उसके बाद भगवान विष्णु जी को हल्दी वाला अर्पित करते हैं।
भगवान विष्णु जी का कथा सुनाते हैं।
बृहस्पतिवार के दिन क्या दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं ?
बृहस्पतिवार के दिन पीली चीजों का दान किया जाता है।
बृहस्पतिवार के दिन चने की दाल दान करना चाहिए केले को भी दान किया जाता है और गरीबों में पैसा भी दान किया जाता है।
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