हैप्पी शारदीय नवरात्रि 2024
मां के भक्तों का पवित्र शारदीय नवरात्रि का महापर्व शुरू होने जा रहा है जा रहा है। यह पर्व शरद ऋतु में आता है। इसीलिए इसका नाम शारदीय नवरात्रि पड़ा। नवरात्रि के पहले दिन घंट होती है। जो एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसके साथ नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना और ज्वार सोने का खास महत्वपूर्ण है। वैसे तो यह त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन गुजरात और बंगाल में इनकी रौनक ही अलग होती है।
कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त
नवरात्रि का कलश का स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से 7:22 तक है। और अभिजीत मुहूर्त 11:46 से दोपहर 12:33 तक है
नवरात्रि के 9 दिन किन-किन माता की पूजा की जाती ह
नवरात्रि के 9 दिन में मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। और और स्कंदमाता, देवी कत्यायनी, देवी महागौरी, महानवमी वाले दिन सिद्धांत्री की पूजा की जाती है। ये नौ दुर्गा का स्वरूप निर्भीकता शक्ति ,शति, वीरता समृद्धि सहाय का प्रतीक है।
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रों की गिनती अमावस्या के अगले दिन से की जाती है। यह देवी के लिए एक समय है।जो ईश्वर को स्त्री प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती है। दुर्गा को स्त्री तीन रूपों में देखा जाता है। माना जाता है कि तब दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। तब वह समय अश्रिव मास का था।इसी कारण हर साल अश्रिन की प्रतिपदा से लेकर नौ दिनों नवरात्रि का त्योहार मनाए जाते है। जिसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।
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