Shardiya Navratri 2024: आज दूसरे दिन होगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा ,विधि जाने
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी मानी जाती है. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कल से हो चुकी और आज का दूसरा दिन है. जो मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी के समक्ष दीप जलाए अब को फल , फुल, धूप चंदन और अक्षत अर्पित करे।
ब्रह्मचारिणी मां विधि विधान से पूजा करे. और उनके ज्ञान को और अंत में सभी देवी, देवताओं के साथ मां दुर्गा के आरती करे।
कौन है मां ब्रह्मचारिणी
मां दुर्गा का यह दूसरा स्वरूप भक्तों की सिद्धों को अनन्त फल देने वाली है। उनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम वृद्धि होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की कथा
पूर्व जन्म में इस देवी ने हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। और नारद जी के उपदेश से भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्रारिण अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया है. एक हजार वर्ष तक इन्होंनें केवल फल -फुल खाकर। बिताए।
कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे।
तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए विल्व पत्र खाएं और भगवान शंकर की आराधना करती रही इसके बाद तो उन्होंने सूखे विल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए। कई वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रही।
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