Shardiya Navratri 2024: आज तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा जाने उपासना विधि
देवताओं की बात सुनकर त्रिदेवों को अत्यधिक क्रोध आ गया। और उनके मुख से ऊर्जा उत्पन्न होने लगी।
मां चंद्रघंटा के स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। बाघ पर सवार चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ग के समान चमकीला है. इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है. इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है
कौन है मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा मां पार्वती का विवाहित अवतार है। पंचांग के अनुसार
महागौरी ने भगवान शिव से विवाह करने के बाद अपने माथे पर आधा चांद या चन्द्र सजाना शुरू किया। इसीलिए मां पार्वती को मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
मां चंद्रघंटा पूजा ब्रह्ममुहुर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर माता का ध्यान करें और फिर पूजा करे। इसके बाद माता का ध्यान करते हुए। घी का दीपक जलाए। और फिर माता को सफेद कमल फूल या पीले फूल की माला अर्पित करे।
मां चंद्रघंटा की कथा
पौराणिक कथा ये है कि एक बार महिषासुर नाम के एक राक्षस ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। उसने देवराज इंद्र को युद्ध में हराकर स्वर्ग लोक पर विजय प्राप्त कर ली और स्वर्ग लोक पर राज करने लगा। युद्ध में हारने के बाद सभी देवता इस समस्या के निदान के लिए त्रिदेवों के पास गए।
देवताओं ने भगवान विष्णु जी, महादेव, और ब्रह्मा जी को बताया कि महिषासुर ने इन्द्र , चन्द्र, सूर्य वायु और अन्य देवताओं के सभी छीन लिए है। और उन्हें बंदी बनाकर देवताओं को धरती पर निवास करना पड़ रहा है।
देवताओं की बात सुनकर त्रिदेवों को अत्यधिक क्रोध आ गया। और उनके मुख से ऊर्जा उत्पन्न होने लगी।
इसके बाद यह ऊर्जा दसों दिशाओं में जाकर फैल गई उसी समय वहां पर देवी चंद्रघंटा ने अवतार लिया। भगवान शिव ने देवी को त्रिशूल , विष्णु जी ने चक्र दिया। इसी तरह आने देवताओं ने भी मां चंद्रघंटा को अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। भगवान सूर्य ने मां को तेज तलवार दिए इसके बाद मां चंद्रघंटा को संवारी के लिए शेर भी दिया गया।
मां अपने अस्त्र-शस्त्र लेकर महिषासुर से युद्ध करने के लिए निकल पड़ी। मां चंद्रघंटा का रूप इतना विशाल का था। उनके इस रूप को देखकर महिषासुर अत्यंत डर गया। महिषासुर ने अपने असुरों को मां चंद्रघंटा पर आक्रमण करने के लिए कहा सभी राक्षस ने युद्ध करने के लिए मैदान में उतर गए। मां चंद्रघंटा ने सभी राक्षसों को संघार कर दिया। मां चंद्रघंटा ने महिषासुर के सभी बड़े, राक्षसों को मार दिया. अंत में महिषासुर का भी अंत कर दिया।इस इस तरह मां चंद्रघंटा ने देवताओं की रक्षा की और उन्हें स्वर्गलोक की प्राप्ति कराई।
shardiya Navratri 2024: आज तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा विधि उपासना विधि
Reviewed by NituSingh
on
October 04, 2024
Rating:
No comments: