ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा। इस शुभ तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाएगी। अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है।
साल 2024 का आखिरी पूर्णिमा
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल की आखिरी पूर्णिमा 15 दिसंबर 2024 को है। पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर को शाम 04 बजकर 58 मिनट पर आरंभ होगी और 15 दिसंबर 2024 को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 स्नान-दान का शुभ मुहूर्त- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के लिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त 15 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 17 मिनट से सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक अभिजित मुहूर्त विद्यमान
हिंदू धर्म में पूर्णिमा व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह व्रत भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। दिसंबर महीने में मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही यह साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा भी होगा। मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत करने से जीवन में सुख-शांति व संपन्नता आती है। पूर्णिमा के दिन चंद्र दर्शन व पूजा करना भी शुभ माना गया है। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करने व कथा सुनने का भी विधान है। पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करने से पापों से मु्क्ति की मान्यता है। जानें दिसंबर में मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत कब है, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त व महत्व-
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल मिले जल से स्नान करें। इसके पश्चात मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। अब व्रत का संकल्प लेकर भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र विष्णु जी को अर्पित करें। पूजा में मां लक्ष्मी को गुलाबी-लाल फूल और श्रृंगार सामान अर्पित करें। इसके पश्चात अब सत्यनारायण की कथा पढ़े और अपनी पूजा संपन्न करें।
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