होलिका दहन
उत्सव की शुरुआत 13 मार्च को होलिका दहन से होगी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, इसके बाद 14 मार्च को रंगवाली होली मनाई जाएगी, जो रंगों के साथ खुशी से खेलने के लिए समर्पित दिन है।
होलिका दहन के शुभ महूर्त
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए होलिका का विनाश किया था। इस बार होलिका पर भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दिन लकड़ी, कांडे और उपले जलाकर होलिका की अग्नि प्रज्वलित की जाती है। परंपरा के अनुसार, नई फसल के गेहूं के दाने होलिका में अर्पित किए जाते हैं। साथ ही नवग्रह की लकड़ियां डालकर नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने की मान्यता है। परंपरागत रूप से होलिका की परिक्रमा की जाती है और इसमें कच्चे सूत का धागा बांधा जाता है। इसके बाद होली की राख को घर में लाकर तिलक करने की परंपरा है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
कब है होली: होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस साल रंगों वाली होली 14 मार्च को खेली जाएगी।
क्यों मनाते है होलिका दहन: इस दिन भक्त प्रहलाद को मारने के लिए उनकी बुआ होलिका ने उसे आग में बैठाने का प्रयास किया था। लेकिन विष्णु भगवान की कृपा से भक्त प्रहलाद सुरक्षित रहे और होलिका चल गई। तभी से यह पर्व हर वर्ष मनाया जाता है। इस लिए लोग होलिका को पुरानी और नकरात्मक चीजें अर्पित करते हैं।
होली 2025 तिथि: होलिका दहन 2025 मुहूर्त- समय, तिथि, अनुष्ठान जो आपको जानना चाहिए
Reviewed by NituSingh
on
March 13, 2025
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